Wednesday, January 20, 2010

अजब प्रीत गज़ब रीत

प्रीत में मत पडियो मेरे मीत,
प्रीत जाएगी जीत, तू जायेगा बीत.

अब बस गीतों में बसे कहीं प्रीत,
प्रीत हुई सजातीय, बेतुकी रीत गयी जीत.

कहाँ मिलती अब जन्मो की प्रीत,
समझो गनीमत, एक जनम जो जाये बीत.

मोबाइल सेट से पहले बदलें मनमीत,
चैट पर बने रिश्ते, SMS पे जाएँ बीत.

प्रीत हुई अब इंडो-पाक बात-चीत,
वर्तमान धुंधला, भविष्य बना अतीत.

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