Wednesday, January 20, 2010

जय हो चचा ओबामा की

पर उपदेश कुशल बहुतेरे,
चचा ओबामा ज़रा इधर मुंह फेरें

बहादुरी की देंगे न हांको,
कभी अपने अन्दर भी झांको.

पाकिस्तान मांग के तुमसे खाता,
हुकुमउदूली के डंके बजाता.

वो तुम्हे है जान से प्यारा,
तुम्हारी आँखों का तारा.

अफगानिस्तान तक भाग के आये,
तुम्ही जानो क्या उखाड़ पाए.

WMD का तुम अंश ना पाए,
ईराक में यू हीं विध्वंश मचाये.

अब आई है ईरान की बारी,
उसने कब खोली भैंस तुम्हारी.

'अर्थशास्त्री' को 1-2-3 बहुत पढवाया,
परमाणु कचरा ठिकाने लगवाया..

जवाबदेही दुनिया की, प्रदूषण तुम करो,
शोषितों का रक्त-चूषण तुम करो.

कोपेनहेगन में जनाजा निकलवाया,
प्रदूषण दूर कर के नाम पर और प्रदूषण फैलवाया

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