Friday, September 2, 2016

लाभ देगा रिश्तेदार या बनेंगे षड्यंत्र के शिकार, जानिए, कैसा रहेगा आपका शनिवार


युगाब्ध-5118, विक्रम संवत 2073, राष्ट्रीय शक संवत-1938सूर्योदय 05.47, सूर्यास्त 06.13, शरद-ऋतु, रवि-दक्षिणायनउत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र दिन के 02.03 तक, त्रिपुष्कर योग दिन के 02.03 तक, वाटिका रोपण मुहूर्तआज भाद्रपद शुक्ल पक्ष द्वितीया, शनिवार 03 सितम्बर - 2016 का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। आज आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन हो सकता है, आज आपके सितारे क्या कहते हैं, यह जानने के लिए पढ़े आज का भविष्यफल।

मेष राशि :- भाग्य पक्ष मजबूत होने से किसी बड़े हानि की संभावना नहीं है। धार्मिक कार्यो का आयोजन या धार्मिक यात्रा का योग बन रहा है। किसी मित्र या रिश्तेदार से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाभ होगा।

वृष राशि :- ऑफिस वाले लोग अपनी उपयोगतिा बनायें रखें अन्यथा षड़यन्त्र का शिकार हो सकते है। सन्तान के प्रति अति संवेदनशीलता हितकर नहीं है। महिलायें मानसिक उलझनों का शिकार हो सकती है।

मिथुन राशि :- आपके रूके हुये कार्यो को पूरा करायेगा तथा भाग्य पक्ष में मजबूती लायेगा। कलान्तर में किये गये कर्मो का प्रतिफल आपके जीवन में चार-चॉद लगा देगा। अकारण किसी चिन्ता के काराण मन व्यथित हो सकता है, अत: आप-अपने मन को केन्द्रित करने का प्रयास करें।

कर्क राशि : - व्यावसायिक गतिविधियों में आपकी व्यस्तता रंग लायेगी। सोंच-समझकर लिये गये निर्णय आपके आत्म-विश्वास में वृद्धि करेंगे। महिलाओं को परिवार के प्रति उदासीनता रह सकती है।

सिंह राशि : - कुछ लोगों के पाचन संस्थान को कमजोर करेगा जिससे मौसमी बीमारियां घेरे रहेंगे।इस सप्ताह आपको अनचाहे सम्बन्धों को ढोना पड़ सकता है। गैर जिम्मेदार लोगों से अधिक नजदीकिंया न बढ़ायें अन्यथा हानि उठानी पड़ सकती है।

कन्या राशि :- हर कदम सोंच-समझकर रखने की आवश्यकता है। परिवार की बातों को सबसे साझा न करें। रोजी व रोजगार में किया गया निवेश लाभप्रद रहेगा। कुछ लोगों के जीवन में नये अवसर आयेंगे जिन्हे नजरअंदाज न करें अन्यथा बाद में आत्मग्लानि होगी।

तुला राशि :- सम्बन्धों के प्रति त्याग से ही मधुरता आयेगी। पहले की अपेक्षा आर्थिक स्थिति में मजबूती आयेगी। महिलायें सन्तान के प्रति अति संवेदनशीलता न रखें। साहस व पराक्रम के साथ किये गये प्रत्येक कार्य में आपको आशा के अनुरूप सफलता प्राप्त होगी।

वृश्चिक राशि :- कुछ लम्बित कार्यो का शीघ्र ही समाधान होगा जिसके फॅलस्वरूप आप नयें कार्यो का शुभारम्भ कर सकते है। पारिवारिक दायित्वों का निर्वाहन करने के लिए काफी त्याग करने की जरूरत है।

धनु राशि :-अनचाही यात्रा न ही करें तो बेहतर रहेगा। रीति-रिवाजों को लेकर जीवन साथी से व्यर्थ में तनाव होने की आशंका नजर आ रही है। महिलायें जरूरी वस्तुओं की खरीददारी करेंगी।

मकर :- नयें लोगों को रोजी व रोजगार के नयें अवसर प्रदान होंगे। प्रतीकात्मक त्याग ही परिवार में आपकी प्रतिष्ठा लौटा सकता है। हर नयें सम्बन्ध के प्रति गहरी व पैनी नजर रखने की आवश्यकता है। कार्य व व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा की कुछ कमी आयेगी।

कुंभ राशि :- अनावश्यक खर्चो पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है। समय की पाबन्दी आपके व्यक्तित्व में चार-चांद लगा देगी। पाइल्स रोगियों को अपने खान-पान पर विशेष सावधानी बरतनें की जरूरत है।
मीन राशि :- नौकरी वाले कुछ लोगों को अचानक स्थान परिवर्तन की सम्भावना है। सामाजिक उत्तरदायित्वों को ठीक से निवर्हन करने की जरूरत है। छात्र अपने सम्बन्धों को मजबूज करें। महिलायें अपने निर्णय स्वयं लेने की कोशिश करें।

Wednesday, August 17, 2016

बढ़ी CM अखिलेश की तनख्वाह, फिर भी पाएंगे केजरीवाल का छठा हिस्सा



अखिलेश कैबिनेट की बैठक में बुधवार को एक अहम फैसला लिया गया। इस फैसले के
अंतर्गत सीएम के वेतन में बढ़ोतरी की गई है। सीएम का वेतन अब 12 हजार रुपए
से बढ़कर 40 हजार रुपए प्रति महीना कर दिया गया है।  



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बढ़ी CM अखिलेश की तनख्वाह, फिर भी पाएंगे केजरीवाल का छठा हिस्सा

दरक रहा है मुलायम का समाजवादी कुनबा

परिवार में मतभेद से चिंतित हैं मुलायम

उत्तर प्रदेश में जब से समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है, आरोप लगते रहे हैं कि अखिलेश सिर्फ़ नाम के मुख्यमंत्री हैं, सरकार तो 'चचा' लोग चला रहे हैं.

'चचा' यानी शिवपाल यादव और रामगोपाल यादव.

लेकिन अब 'चचा' शिवपाल ही सरकार और पार्टी से इस क़दर नाराज़ हो गए हैं कि उन्हें इस्तीफ़े की धमकी देनी पड़ी है.

रविवार को मैनपुरी में एक कार्यक्रम के दौरान बेहद भावुक अंदाज़ में उन्होंने कहा कि पार्टी और सरकार में उनकी बात नहीं सुनी जा रही है.

उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो इस्तीफ़ा दे देंगे.

धमकी के अगले दिन जब पार्टी और परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव, बेटे अखिलेश की बजाय शिवपाल के साथ खड़े दिखे तो राजनीतिक गलियारों में कई तरह के सवाल उठने लगे.

पार्टी दफ़्तर में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुलायम सिंह ने भी धमकी दे दी कि अगर वो और शिवपाल अलग हो गए तो सरकार के साथ पार्टी का कोई नहीं खड़ा मिलेगा.
मुलायम सिंह यादव पार्टी दफ़्तर में जब ये बातें बोल रहे थे, उस समय कई मंत्रियों के अलावा सरकार के मुखिया अखिलेश भी मौजूद थे.

दरअसल पार्टी में कई मोर्चे यानी ग्रुप होने की बातें अक्सर होती हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं से ये बातें जैसे प्रमाणित होने लगी हैं.

ख़ासकर पार्टी में अमर सिंह की वापसी, राज्य सभा में टिकटों का बंटवारा, मुख्य सचिव दीपक सिंघल की नियुक्ति जैसी घटनाएं इस संदर्भ में काफी अहम हैं.

आज शिवपाल यादव को इस्तीफ़े की धमकी भले ही देनी पड़ रही है, लेकिन इन घटनाओं के पीछे शिवपाल सिंह यादव का ही हाथ बताया गया.

इन्हें पार्टी में अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव की कमज़ोरी भी बताया गया.

वरिष्ठ पत्रकार शरद प्रधान कहते हैं, "मुख्य सचिव से लेकर नौकरशाही के हर अहम पद पर शिवपाल यादव और नेताजी की पसंद के अधिकारी बैठे हैं. बिना इनकी मर्ज़ी के पार्टी या सरकार में पत्ता तक नहीं हिलता. ऐसी स्थिति में इन्हें ये सब कहने की ज़रूरत कहां पड़ गई?"

हालांकि कुछ जानकारों का कहना है कि सार्वजनिक मंचों से सरकार की बुराई करना मुलायम सिंह की एक रणनीति हो सकती है.
लेकिन शिवपाल यादव का भी इस आलोचना में मुखर हो जाना सीधे तौर पर मतभेदों को ही उजागर करता है.
वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र कहते हैं कि शिवपाल और अखिलेश में मतभेद कोई नई बात नहीं है, हर कोई इसे जानता है.

लेकिन अब शिवपाल सार्वजनिक मंच से इस तरह की बातें करके उस स्थिति से बचना चाहते हैं कि अगर पार्टी हारे तो पूरा ठीकरा उनके माथे न फूटे, क्योंकि पार्टी में ज़्यादातर फ़ैसलों के पीछे उन्हीं की स्वीकृति रहती है.
पार्टी में मतभेद के मामले में पार्टी का कोई भी नेता सीधे तौर पर बोलने से कतरा रहा है. लेकिन इस बात से पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता भी इनकार नहीं करते कि कार्यकर्ता और नेता मनमानी कर रहे हैं.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक अशोक वाजपेयी कहते हैं कि नेताजी ने पार्टी को खड़ा किया है और शिवपाल यादव की भी उसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

ऐसे में यदि पार्टी की छवि कहीं से प्रभावित होती है तो इन लोगों को पीड़ा ज़रूर होगी.

शिवपाल यादव ने सबसे अहम मसला जो उठाया, वो ये है कि उनकी पार्टी के लोग ज़मीनों पर कब्ज़ा कर रहे हैं.
लेकिन राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि इसके लिए सबसे ज़्यादा शह सपा में किसी नेता ने यदि दी है, तो वो शिवपाल यादव ही हैं.
मथुरा में रामवृक्ष यादव को संरक्षण देने के आरोप भी उन पर लगे हैं.

बहरहाल जानकार ये भी कहते हैं कि सरकार की आलोचना करना भले ही पार्टी और मुलायम सिंह की रणनीति हो, लेकिन जिन बातों की आलोचना वो कर रहे हैं, उनसे जनता भली-भांति वाकिफ़ है.

ऐसी स्थिति में इस आलोचना का उन्हें ख़ास राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा.
साभार: हिन्दुस्थान समाचार