सुबह पापा का उस पर दफ्तर जाना,
टोल क्स एक क्कर हमें घुमाना.
शाम को उसका टैक्सी बन जाना,
रास्ते में रुक-रुक तन जाना.
सीधे तो कोई बात ना होती,
बिना टेढ़े हुए स्टार्ट ना होती.
सच है, जो कल था वो नहीं है आज,
अब तो यादों में ही मिलेगा हमारा बजाज.
(A tribute to BAJAJ Scooters)
Wednesday, January 20, 2010
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2 comments:
bahut badhiyan bhaiya!!!
Please do not give a tribute. We still ride with pride on Hamara Bajaj Scooter....
Love
Chandar Bhaiya
इंग्लिश की क्लास
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