नीलकंठ बनकर हम बेबस ज़हर पीते रहे;
हुकमरानो की दी हुई मौत को ज़िन्दगी समझ जीते रहे.
समेट पाते कैसे खुदा की नेमत और दी हुई खुशी को,
अँधेरे में आंसुओं से अपना चाक दमन सीते रहे.
Wednesday, January 20, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
सपना चौधरी, राखी सावंत और अर्शी खान ने लगाए ठुमके तो झूम उठा बनारस
-
इस शादी की रिसेप्शन पार्टी किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं थी. शादी के बाद रिसेप्शन पार्टी में स्टेज पर बैठे कपल को न केवल भागना पड़ा बल्कि द...
-
Jab janta ho out of control, mudde ko karke gol, besharmi dikha ke bol khilli udaa ke bol arey bhaiya aal is vel arey Ghonchu aal is vel are...
1 comment:
very nice
Post a Comment