लखनऊ। चुनावों कि आहट होते ही राजनीतिक वफादारी बदलने का क्रम शुरू हो चुका है। आयाराम गयाराम का बाज़ार गर्म है, सत्ता कि चाहत और टिकट काटने कि आहट के चलते देखते देखते बदली आस्थाओं का पहले खेल का नतीजा समाजवादी पार्टी के पक्ष में गया । कल तक मुलायम को कुनबा परस्त और सपा को उद्योगपतियों की रखैल कि संज्ञा से नवाजने वाले तथाकथित नेता व अपने कार्यों से चर्चित रहे पूर्व मंत्री नरेश अग्रवाल ने अपने पूरे राजनितिक कुनबे, समर्थकों कि भीड़ के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा के पोस्टरों से गायब हो चुके लोहिया के चिंतन का समाजवादी पार्टी कार्यालय में नरेश के शामिल होने से अधूरा अध्याय भी पूरा हो गया।
इसी बीच मंत्री दद्दन मिश्र जो कल तक आयुर्वेद चिकित्सा राज्य मंत्री के पद का सुख भोग रहे थे, टिकट कटने की सुगबुगाहट के चलते अचानक नैतिकता का दबा कुचला पाठ याद आया और इससे पहले कि निकाले जाने वाले मंत्रियों कि फेरहिस्त में उनका नाम जुड़े, उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे देना बेहतर समझा। इसके ठीक उलट समाजवादी पार्टी कार्यालय में उत्सवी माहाल था। बसपा से निष्काषित नरेश अग्रवाल दूसरी बार अपने 'घर' सपा में पूरे कुनबे के साथ लौट आये। सपा नेतृत्व ने भी पुराने मनमुटाव भुलाकर उनका स्वागत किया।
शुक्रवार को जैसा अपेक्षित था वैसा ही हुआ समाजवादी पार्टी ने नरेश अग्रवाल की उनके पुत्र नितिन सहित पार्टी में वापसी की औपचारिक घोषणा कर दी। नरेश अग्रवाल ने भी इस अवसर पर अपनी त्रुटियों के लिए सपा नेतृत्व से माफ़ी मांगी । इस अवसर पर सपा कार्यलय के प्रांगण में एक जनसभा का आयोजन हुआ। इस जनसभा में ही सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बसपा से निष्काषित सांसद नरेश अग्रवाल और उनके विधायक पुत्र नितिन अग्रवाल को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। इनके अलावा विधायक राजेश्वरी देवी, उनके भाई और पूर्व विधायक राजकुमार अग्रवाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष कामिनी अग्रवाल और गोंडा के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शमीम अहमद ने भी पार्टी की सदस्यता ली । इससे पहले बसपा ने पिता पुत्र द्वय पर पार्टी विरोधी काम में शामिल होने का आरोप लगाते हुये निष्काषित कर दिया । नितिन पर विधायक निधि का दुरूपयोग करने और जनता के बीच जाकर कार्य न करने का आरोप भी था । माना जा रहा है कि बेटे का टिकट काटने से नरेश अग्रवाल बसपा नेतृत्व से खासे नाराज़ थे ।
उनके बगावती तेवर देखते हुये बसपा ने उनका और उनके पुत्र का निष्कासन करना ही उचित समझा । नरेश कि वापसी पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अग्रवाल के फिर से पार्टी में आने से सपा को आने वाले विधानसभा चुनाव में मजबूती मिलेगी । हरदोई अग्रवाल के प्रभाव वाला इलाका है।
अग्रवाल वर्ष २००८ में बसपा में शामिल हुये थे और उन्हें मायावती ने उन्हें फर्रुखाबाद से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया था । लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें बसपा ने राज्य सभा का सांसद बनवा दिया था। उस वक़्त नरेश अग्रवाल ने ५ सितारा होटल में हुये समारोह के अपने भाषण में मायावती को भारत का भावी प्रधानमंत्री और देश की कर्णधार कहकर संबोधित किया था। कुछ वैसे ही सुर आज भी सुनने को मिले लेकिन मुलायम सिंह को उत्तर प्रदेश का मुख्या मंत्री बनाने का दावा किया।
Reported By Anurag Tiwari for Voice of Movement
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