- बीच सड़क पर किशोरी की इज्जत तार-तार हुई
- मीडिया में आने के बाद जागी पुलिस
गुवाहाटी। अगर थोड़ी बहुत भी इंसानियत शेष है तो कानून के रखवालों को शर्म से डूब मरना चाहिए। गुवाहटी की घटना उस पाश्विक सोच का आइना है जिसपर हमने तथाकथित सभ्यता का लबादा डाल रख है। इसे विडम्बना कहें या शर्म से गड़ जाने वाली घटना कि जिस संसदीय क्षेत्र का मतदाता प्रधानमंत्री हो और जिस राज्य से प्रधानमंत्री चुनकर राज्य सभा में प्रतिनिधित्व करता हा,े वहां की राजधानी की सड़कों पर 20-20 दु:शासन एक किशोरी का चीर हरण करते रहे। आधे घंटे तक सड़क पर हैवानियत का नंगा नाच चलता रहा और राहगुजर इसे सड़क पर हो रहा तमाशा समझ आगे बढ़ते रहेे। कहने को असम साक्षरता में देश के कई राज्यों से कहीं आगे समझा जाता है।
सोमवार की रात कक्षा 11 में पढंने वाली 17 साल की लड़की एक बर्थडे पार्टी से लौट रही थी अभी वह पब से निकली ही थी कि उसे 20 दरिंदो ने सड़क पर ही घेर लिया। इसके बाद जो हैवानियत का नंगा नाच शुरू हुआ वह पुरूष को जन्म देने वाली किसी भी मां के कोख को शर्मशर कर देने वाली थी। दरिंदे उसे नोचते खसोटते रहे, उसके कपड़े तार-तार करते रहे। इतने पर भी मन नहीं माना तो उसके संवेदनश्ील अंगों पर चोट करते रहे। लड़की मिन्नते करती रही जाने देने की गुहार लगाती रही, लेकिन शैतानों का दिल नहीं पसीजा। लड़की ने कई बार दरिंदों से मिन्नत कि मुझे जाने दो...घर पर तुम्हारी भी बहने है, लेकिन लड़की के बार-बार घर जाने की मिन्नतें करने पर भी किसी ने उसकी मदद नहीं की।
हद तो यह थी सारी घटना कैमरे में कैद हो रही थी और दरिंदे अपने चेहरे पर घिनौनी हंसी लिये कैमरे की तरफ देखते रहे। जो जाानकारी मिली है उसके अनुसार पीडि़त लड़की अपने एक दोस्त के साथ दस जुलाई को गुवाहाटी-शिलांग रोड पर स्थित एक बार में गई थी। इस दौरान अपने दोस्तों से उसका किसी बात पर मनमुटाव हो गया। जिसके बाद मौके की ताड़ में बैठे इंसीनी भेडिय़ेां के एक समूह ने इस वाकये का फायदा उठाकर उस लड़की के साथ सरेआम छेडख़ानी और मारपीट की।
टीवी चैनल्स पर घटना के वीडियो और समचार दिखाए जाने के बाद असम पुलिस ने आनन-फानन में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। असम के डीजीपी ने बताया कि इस वारदात में शामिल 11 आरोपियों की पहचान कर ली गई है और इनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी आरोपी अभी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से एक असम सरकार के सरकारी उपक्रम असम इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का कर्मचारी है और इसका नाम अमर ज्योति कलिता है। कलिता ने असमी धारावाहिक में भी काम किया है। वहीं असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने कहा कि इस तरह की सरेआम छेडख़ानी की घटना किसी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है और समुचित कार्रवाई की जाएगी। पीडि़त लड़की की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
असम में किसी महिला के साथ इस तरह सरे-आम बेइज्जत करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ दिन पहले ही असम की एक महिला विधायक को होटल में घुसकर बहशी भीड़ ने बरी तरह से पीटा। लगभग छ: वर्ष पहले भी गुवाहटी में खुली सड़क पर आदिवासी महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने एक महिला को चपेट में ले लिया था। कुछ स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने एक महिला को सरेआम पीटना शुरू कर दिया। उसके कपड़े फाड़ दिए गए। उसे नंगा कर उसके गुप्तांग पर प्रहार करते नजर आए थे। मुंबई और गुडग़ांव में नये साल के जश्र के दौरना भी वहशियों की भीड़ ने इसी तरह की हरकत की थी। लगभग डेढ़ साल पहले 31 दिसंबर 2011 की रात गुडग़ांव के होटल में नए साल के स्वागत की तैयारी जोरों पर चल रही थी। शराब और शबाब की मस्ती में डूबे हुए लोग बहके जा रहे थे। उसी समय कई लोग सड़क किनारे एक कपल को घेर कर बुरी तरह छेडऩे लगे। आने-जाने वाले मूकदर्शक बने रहे। नए साल की वजह से पुलिस की गश्त तेज थी। लड़की की किस्मत अच्छी थी कि वहां पुलिस आ गई और उसकी जान बची। ऐसी ही घटना नए साल के जश्न के दौरान मुंबई के जूहू बीच के पास हुई थी।
असम में हुई इस शर्मनाक घटना पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा ममता शर्मा ने कहा कि उन्हें खुद इसकी जानकारी गुरुवार रात मिली है। ममता शर्मा ने असम सरकार से इस बारे में बात करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने ऐसी शर्मनाक घटना को अंजाम देने वालों को उम्र कैद दिए जाने की वकालत की है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा ने कहा कि यह घटना सोमवार की है लेकिन अब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए। इसमें पुलिस की भी लापरवाही है। वह चाहती तो मौके से ही गिरफ्तार कर सकती थी।
Reported for Voice of Movement
- मीडिया में आने के बाद जागी पुलिस
गुवाहाटी। अगर थोड़ी बहुत भी इंसानियत शेष है तो कानून के रखवालों को शर्म से डूब मरना चाहिए। गुवाहटी की घटना उस पाश्विक सोच का आइना है जिसपर हमने तथाकथित सभ्यता का लबादा डाल रख है। इसे विडम्बना कहें या शर्म से गड़ जाने वाली घटना कि जिस संसदीय क्षेत्र का मतदाता प्रधानमंत्री हो और जिस राज्य से प्रधानमंत्री चुनकर राज्य सभा में प्रतिनिधित्व करता हा,े वहां की राजधानी की सड़कों पर 20-20 दु:शासन एक किशोरी का चीर हरण करते रहे। आधे घंटे तक सड़क पर हैवानियत का नंगा नाच चलता रहा और राहगुजर इसे सड़क पर हो रहा तमाशा समझ आगे बढ़ते रहेे। कहने को असम साक्षरता में देश के कई राज्यों से कहीं आगे समझा जाता है।
सोमवार की रात कक्षा 11 में पढंने वाली 17 साल की लड़की एक बर्थडे पार्टी से लौट रही थी अभी वह पब से निकली ही थी कि उसे 20 दरिंदो ने सड़क पर ही घेर लिया। इसके बाद जो हैवानियत का नंगा नाच शुरू हुआ वह पुरूष को जन्म देने वाली किसी भी मां के कोख को शर्मशर कर देने वाली थी। दरिंदे उसे नोचते खसोटते रहे, उसके कपड़े तार-तार करते रहे। इतने पर भी मन नहीं माना तो उसके संवेदनश्ील अंगों पर चोट करते रहे। लड़की मिन्नते करती रही जाने देने की गुहार लगाती रही, लेकिन शैतानों का दिल नहीं पसीजा। लड़की ने कई बार दरिंदों से मिन्नत कि मुझे जाने दो...घर पर तुम्हारी भी बहने है, लेकिन लड़की के बार-बार घर जाने की मिन्नतें करने पर भी किसी ने उसकी मदद नहीं की।
हद तो यह थी सारी घटना कैमरे में कैद हो रही थी और दरिंदे अपने चेहरे पर घिनौनी हंसी लिये कैमरे की तरफ देखते रहे। जो जाानकारी मिली है उसके अनुसार पीडि़त लड़की अपने एक दोस्त के साथ दस जुलाई को गुवाहाटी-शिलांग रोड पर स्थित एक बार में गई थी। इस दौरान अपने दोस्तों से उसका किसी बात पर मनमुटाव हो गया। जिसके बाद मौके की ताड़ में बैठे इंसीनी भेडिय़ेां के एक समूह ने इस वाकये का फायदा उठाकर उस लड़की के साथ सरेआम छेडख़ानी और मारपीट की।
टीवी चैनल्स पर घटना के वीडियो और समचार दिखाए जाने के बाद असम पुलिस ने आनन-फानन में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। असम के डीजीपी ने बताया कि इस वारदात में शामिल 11 आरोपियों की पहचान कर ली गई है और इनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी आरोपी अभी फरार हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से एक असम सरकार के सरकारी उपक्रम असम इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का कर्मचारी है और इसका नाम अमर ज्योति कलिता है। कलिता ने असमी धारावाहिक में भी काम किया है। वहीं असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने कहा कि इस तरह की सरेआम छेडख़ानी की घटना किसी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है और समुचित कार्रवाई की जाएगी। पीडि़त लड़की की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
असम में किसी महिला के साथ इस तरह सरे-आम बेइज्जत करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ दिन पहले ही असम की एक महिला विधायक को होटल में घुसकर बहशी भीड़ ने बरी तरह से पीटा। लगभग छ: वर्ष पहले भी गुवाहटी में खुली सड़क पर आदिवासी महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने एक महिला को चपेट में ले लिया था। कुछ स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने एक महिला को सरेआम पीटना शुरू कर दिया। उसके कपड़े फाड़ दिए गए। उसे नंगा कर उसके गुप्तांग पर प्रहार करते नजर आए थे। मुंबई और गुडग़ांव में नये साल के जश्र के दौरना भी वहशियों की भीड़ ने इसी तरह की हरकत की थी। लगभग डेढ़ साल पहले 31 दिसंबर 2011 की रात गुडग़ांव के होटल में नए साल के स्वागत की तैयारी जोरों पर चल रही थी। शराब और शबाब की मस्ती में डूबे हुए लोग बहके जा रहे थे। उसी समय कई लोग सड़क किनारे एक कपल को घेर कर बुरी तरह छेडऩे लगे। आने-जाने वाले मूकदर्शक बने रहे। नए साल की वजह से पुलिस की गश्त तेज थी। लड़की की किस्मत अच्छी थी कि वहां पुलिस आ गई और उसकी जान बची। ऐसी ही घटना नए साल के जश्न के दौरान मुंबई के जूहू बीच के पास हुई थी।
असम में हुई इस शर्मनाक घटना पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा ममता शर्मा ने कहा कि उन्हें खुद इसकी जानकारी गुरुवार रात मिली है। ममता शर्मा ने असम सरकार से इस बारे में बात करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने ऐसी शर्मनाक घटना को अंजाम देने वालों को उम्र कैद दिए जाने की वकालत की है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा ने कहा कि यह घटना सोमवार की है लेकिन अब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए। इसमें पुलिस की भी लापरवाही है। वह चाहती तो मौके से ही गिरफ्तार कर सकती थी।
Reported for Voice of Movement
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