Monday, April 23, 2018

VIDEO: कुछ इस अंदाज में मना मां गंगा का उत्पति दिवस


पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा स्वर्ग लोक से शिवशंकर की जटाओं में पहुंची थी.  इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है.  कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से दस पापों का हरण होकर अंत में मुक्ति मिलती है.  इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है.

गंगा सप्तमी के अवसर पर्व पर मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है.  वैसे तो गंगा स्नान का अपना अलग ही महत्व है, लेकिन इस दिन स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्ति पा जाता है.  इस पर्व के लिए गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों पर भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

बीते रविवार की सुबह सर्वोदय सेवा समिति के तत्वावधान में दशाश्वमेध घाट पर जुटे गंगा भक्तों ने मां गंगा की विधि विधान से पूजा-आराधना की.  वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी यानी गंगा सप्तमी के नाम से प्रचलित गंगा उत्पत्ति दिवस पर श्रद्धालुओं ने जीवनदायिनी का सुवासित फूलों व चुनरी से श्रृंगार किया.  केसर जल और दूध की धार से माता रानी का अभिषेक किया.  जनजीवन की सुख समृद्धि और श्री वृद्धि के लिए गंगा का कोई विकल्प नहीं इसे स्वीकार भी किया.  इस मौके पर सभी ने करबद्ध हो आभार जताया और हाथ से हाथ जोड़ गंगा की अविरलता-निर्मलता का संकल्प लिया.

इस अवसर पर षोडशोपचार पूजन के साथ रूद्र सूक्त व देवी सूक्त से अभिषेक किया.  धूप-दीप और कपूर से सस्वर मंत्रों के साथ आरती भी उतारी.  इसमें प्रदेश के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, बृजेश पाठक व डा. नीलकंठ तिवारी ने गंगा की रक्षा के लिए हर कदम उठाने का भरोसा दिया.  स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी संतोष दास, मशहूर हास्य अभिनेता राजपाल यादव, हावड़ा के महापौर मिथिलेश दास, झारखंड के डीजीपी दिनेश पांडेय, विधायक डा. अवधेश सिंह व अनिल मौर्या, सीआरपीएफ कमांडेंट यूपी सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता धर्मेद्र सिंह आदि थे.  संयोजक श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक डा. श्रीकांत मिश्र के आचार्यत्व में पूजन अर्चन कराया गया.

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